आरती शिवजी की: भगवान शिव को समर्पित विशेष दिन, त्योहारों पर शिव आरती गाये जाते हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिव त्रिमूर्ति के बीच संहारक हैं. वह योगियों के देवता हैं और एक सर्वज्ञ योगी के रूप में वर्णित हैं, जो कैलाश पर्वत पर एक तपस्वी जीवन जीते हैं. शिव को कई नामों से जाना जाता है - महादेव, पशुपति, भैरव, विश्वनाथ, भोले नाथ, शंभू और शंकर. शिव ब्रह्मांडीय नर्तक हैं और उन्हें नर्तकियों के भगवान नटराज के रूप में भी जाना जाता है. आगे पढ़ें भगवान शिव की आरती... Show Shiv Aarti: शिवजी की आरती 1॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥ हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी। अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर हर महादेव! ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी। कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥ हर हर हर महादेव! रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी। साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी॥ हर हर हर महादेव! मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी। सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥ हर हर हर महादेव! छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली। चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली॥ हर हर हर महादेव! प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी। विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥ हर हर हर महादेव! शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी। अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मन-हारी॥ हर हर हर महादेव! निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य प्रभो। कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥ हर हर हर महादेव! सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता। प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राता॥ हर हर हर महादेव! हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै। सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै॥ हर हर हर महादेव! Also Read शिवजी की चालीसा: भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रत्येक सोमवार को करें शिव चालीसा का पाठShiv Aarti: श्री शिवजी की आरती 2॥ शिवजी की आरती ॥ ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी। त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका। मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजे। दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। कर मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे। जय शिव ओंकारा, हर शिव ॐ जय शिव ओंकारा। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? Jai Shiv Omkaara, Om Jai Shiva Omkara, Bramha, Vishnu, Sadashiv, Ardhangi Dhaara. Om Jai Shiv Omkara Ekaanan Chaturaanan Panchaanan Raje, Hansaanan Garudaasan Vrishvaahan Saaje. Om Jai Shiv Omkara Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Dasamukh Ati Sohe, Trigun Rup Nirakhate Tribhuvan Jan Mohe. Om Jai Shiv Omkara Akshamaala Vanamaala Mundamaala Dhaari, Tripuraari Kansaari Kar Maala Dhaari. Om Jai Shiv Omkara Shvetambar Pitambar Baaghambar Ange, Sanakaadik Garunaadik Bhutaadik Sange. Om Jai Shiv Omkara Kar Ke Madhy Kamandalu Charka Trishuladhaari, Sukhakaari Dukhahaari Jagapaalan Kaari. Om Jai Shiv Omkara Bramha Vishnu Sadaashiv Jaanat Aviveka, Pranavaakshar Mein Shobhit Ye Tino Ekaa. Om Jai Shiv Omkara Lakshmi Va Saavitri Paarvati Sangaa, Paarvati Ardhaangi, Shivalahari Gangaa. Om Jai Shiv Omkaara Parvat Sohe Parvati, Shankar Kailasa, Bhang Dhatur Ka Bhojan, Bhasmi Mein Vaasa. Om Jai Shiv Omkaara Jataa Me Gang Bahat Hai, Gal Mundan Maala, Shesh Naag Lipataavat, Odhat Mrugachaala. Om Jai Shiv Omkaara Kashi Me Viraaje Vishvanaath, Nandi Bramhchaari, Nit Uthh Darshan Paavat, Mahimaa Ati Bhaari. Om Jai Shiv Omkaara Trigunasvamiji Ki Aarti Jo Koi Nar Gave, Kahat Shivanand Svami Sukh Sampati Pave. Om Jai Shiv Omkaara |